Integrated Circuit in hindi | ICs क्या होती हैं ?

What is ICs | Integrated Circuit in hindi | ICs full form in hindi

Integrated Circuit in hindi- विभिन्न अर्धचालक युक्तियों के अभिलक्षणों के आधार पर digital integrated circuits (ICs) की रचना की गयी। अनेक जटिल digital प्रक्रियायें (complex digital function) विभिन्न रूप में विकसित हुई तथा प्रत्येक रूप को एक लॉजिक परिवार( logic family) कहा गया। मूल रूप से अर्धचालाक युक्तियाँ दो प्रकार की होती हैं। 1-Bipolar तथा 2-Unipolar। डिजिटल ICs बाइपोलर(Bipolar) या यूनिपोलर (Unipolar) technique पर फेब्रिकेट किये जाते हैं। उसी आधार पर इन्हें बाइपोलर लॉजिक फेमिली तथा यूनिपोलर लॉजिक फेमिली (bipolar or unipolar logic family) अथवा MOS फेमिली कहा जाता है। click here to read this article in English

Bipolar logic family in hindi | बाइपोलर लॉजिक परिवार

बाइपोलर ICs के मुख्य अवयव प्रतिरोध, डायोड, कैपासिटर तथा ट्रांजिस्टर (Resistor, diode, capacitor and transistor) होते हैं। बाइपोलर ICs में दो प्रकार की क्रियाएं होती हैं-

  • (A)सैचुरेटेड (saturated)
  • (B)अन-सैचुरेटेड (non- saturated)

saturated logic में ICs में निर्मित ट्रांजिस्टर सेचुरेशन तक ड्राइव किये जाते हैं जबकि non- saturated लॉजिक में ट्रांजिस्टर सेचुरेशन तक ड्राइव नही किये जाते हैं।

बाइपोलर श्रेणी में basic families निम्न प्रकार हैं

(A)सैचुरेटेड (saturated)

Bipolar saturated logic family के मेम्बर निम्न हैं-

(B)अन-सैचुरेटेड (non- saturated)

Bipolar Unsaturated logic family के मेम्बर निम्न हैं-

DTL फैमिली में डायोड एवं ट्रांजिस्टर प्रयुक्त किये जाते हैं परन्तु यह डिजाईन अब पुराना(obsolete) हो चुका है। TTL family में ट्रांजिस्टर प्रयुक्त होते हैं तथा इसका प्रयोग अत्यंत व्यापक रूप से किया जाता है। ECL एक तीव्र गति की लॉजिक फैमिली है तथा इसका प्रयोग उच्च गति के अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है।

Unipolar Logic or MOS families in Hindi | यूनिपोलर अथवा MOS फैमिली

MOS यूनिपोलर युक्तियाँ होती हैं तथा MOS लॉजिक परिपथों में केवल MOSFETs का प्रयोग किया जाता है। MOS फैमिली निम्न प्रकार हैं –

  • (I) p-channel MOSFETs (PMOS)
  • (III) n-channel MOSFETs (NMOS)
  • (III) Complimentary MOSFETs (CMOS)

SSI, MSI, LSI, VLSI in hindi | SSI, MSI, LSI तथा VLSI

डिजिटल प्रणाली में ICs के प्रयोग एवं ICs के फेब्रिकेशन की तकनीकी में निरंतर विकास के कारण ICs लॉजिक फैमिली के अभिलक्षण एवं उनके गुण व दोष को जानना अत्यंत आवश्यक है। डिजिटल ICs परिपथ की जटिलता के आधार पर वर्गीकृत किये गए हैं। उदाहरणत: किसी लॉजिक फंक्शन को संपन्न करने के लिए आवश्यक gate की कितनी संख्या की आवश्यकता है इसके आधार पर ICs का वर्गीकरण किया जाता है। यह ICs का gate-equivalency वर्गीकरण कहलाता है।

S.N. Circuit Classification Individual Basic logic gates required
(I) Small Scale Integration (SSI) 12 से कम (Less than 12)
(II) Medium Scale Integration (MSI) 12 या अधिक परन्तु 100 से कम (12 or more but less than 100)
(III) Large Scale Integration (LSI) 100 या अधिक परन्तु 1000 से कम ( 100 or more but less than 1000)
(IV) Very Large Scale Integration (VLSI) 1000 या अधिक ( 1000 or more)

इस विधि में परिपथों को SSI, MSI, LSI तथा VLSI वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है। वर्गीकरण का आधार परिपथ में प्रयुक्त किये जाने वाले इंडिविजुअल लॉजिक गेट्स (Individual logic gates) संख्या है।

Characteristics of Digital ICs in hindi | डिजिटल ICs के अभिलक्षण

डिजिटल ICs की कार्यप्रणाली की तुलना करने के लिए उनके निम्न अभिलक्षणों को ध्यान में रखा जाता है।

  • (1) Speed of operation (Propagation Delay)
  • (2) Power Dissipation
  • (3) FAN-IN
  • (4) FAN-OUT
  • (5) Noise Immunity
  • (6) Noise Margin
  • (7) Power Supply Requirements

(1) Speed of operation (Propagation Delay) in hindi

किसी भी डिजिटल परिपथ की गति, प्रोपगेशन डिले (Propagation Delay) के पदों में व्यक्त की जाती है। नीचे फोटो में एक लॉजिक gate की आउटपुट एवं इनपुट तरंग (waveform) दिखाई गयी है।

Integrated Circuit in hindi

इनपुट एवं आउटपुट तरंगों के 50% स्तर के मध्य के समय द्वारा डिले टाइम का मापन किया जाता है। डिले टाइम 2 होते हैं। (i) tpHL– यह वह समय है जिसमें आउटपुट HIGH state से LOW state में जाती है। (ii) tpLH– यह वह समय है जिसमें आउटपुट LOW state से HIGH state में जाती है।

किसी लॉजिक gate का प्रोपेगेशन डिले टाइम (Propagation Delay time)  इन दोनों समय (tpHL तथा tpLH) का मध्यमान(average) होता है। दुसरे शब्दों में प्रोपेगेशन डिले टाइम (Propagation Delay time) वह समय है जिसमें gate की आउटपुट इनपुट के परिवर्तन होने पर परिवर्तित होती हैं। एक TTL gate का डिले टाइम लगभग 10ns(10×10-9  sec) होता है।

(2) Power Dissipation in hindi | शक्ति व्यय

यह ICs में व्यय शक्ति की मिलीवाट(mW) की मात्रा है। ICs में व्यय शक्ति जितनी कम हो उतना उत्तम है क्युकी इससे ICs के कुलिंग तथा power सप्लाई मूल्य में कमी होती है। परन्तु व्यय शक्ति कम होने से Propagation Delay time बढ़ने की सम्भावना रहती है। एक स्टैण्डर्ड TTL gate में शक्ति व्यय (Power Dissipation) लगभग 10mW होता है।

(3) FAN-IN

इनपुट की वह अधिकतम संख्या जो किसी लॉजिक gate को दी जा सकती है FAN-IN कहलाती है। इस परिभाषा के अनुसार एक 3-इनपुट NAND gate के लिए FAN-IN तीन है।

(4) FAN-OUT

gate की वह संख्या जिन्हें एक लॉजिक gate ड्राइव कर सकता है, FAN-OUT कहलाता है।  यदि किसी NOR gate के लिए FAN-OUT का मान 6 है तब इसका अर्थ है कि यह NOR gate 6 अन्य इसी प्रकार के NOR gate ड्राइव कर सकता है।

(5) Noise Immunity in hindi

यह किसी लॉजिक gate पर दी जाने वाली वह इनपुट वोल्टेज है जो एक दी गयी सप्लाई वोल्टेज पर आउटपुट की state को बदलती है।

(6) Noise Margin in hindi

यह लॉजिक परिपथ का एक इनपुट पर unwanted नॉइज़ सिग्नल को सहने का गुण है तथा यह नॉइज़ सिग्नल का वह अधिकतम मान है जिसको सिस्टम, परिपथ की कार्यप्रणाली प्रभावित किये बिना रिजेक्ट कर सकता है।

(7) Power Supply Requirements

ICs के प्रचालन के लिए आवश्यक सप्लाई वोल्टेज तथा amount of power ICs के मुख्य अभिलक्षण हैं तथा इनके द्वारा ICs प्रचालन के लिए आवश्यक एवं उचित power सप्लाई का चयन किया जाता है।

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