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प्रिन्टर्स (Printers) | Types of Printer in Hindi
कम्प्यूटर प्रणाली में प्रिन्टर एक सबसे अधिक प्रयुक्त की जाने वाली आउटपुट युक्ति है। प्रिन्टर्स का वर्गीकरण(Printer ke Prakar) निम्न प्रकार कर सकते हैं- Click here to read this article in English
- (ii) डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर,
- (iii) लाइन प्रिन्टर .
- (iv) पेज प्रिन्टर इत्यादि ।
कैरेक्टर प्रिन्टर या ड्रम प्रिन्टर | Character printer of Drum Printer in hindi
इन प्रिन्टर्स में प्रत्येक कैरेक्टर के लिए एक प्रिंट एलोमैन्ट होता है। कैरेक्टर एक टाइप बाल अथवा पहिये जैसी वस्तु में गुथे (embossed) होते हैं। एक हैमर इस टाइप बाल से टकराता है तथा कैरेक्टर पेज पर प्रिंट हो जाता है। चित्र में कैरेक्टर प्रिन्टर प्रदर्शित किया गया है। इन प्रिन्टर्स की गति बहुत कम होती है। ये 40 से 60 कैरेक्टर प्रति सेकण्ड प्रिन्ट कर सकते हैं। Printer ke Prakar में ये प्रिंटर काफी पॉपुलर प्रिंटर है ।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर्स | Dot Matrix Printers in hindi
इन प्रिन्टर्स में कैरेक्टर, प्रिन्टिंग डॉट से बनाये जाते हैं। कैरेक्टर बनाने के लिए डॉट 7×5 मैट्रिक्स में पास-पास रखे जाते है। चित्र में डॉट की व्यवस्था प्रदर्शित की गयी है।
प्रिन्टिंग डॉट, प्रिन्ट हैड में लगे पिनों द्वारा बनते हैं। प्रिन्ट हैड में पिनों की संख्या जितनी अधिक होगी, प्रिन्टिंग की क्वालिटी भी उतनी ही उत्तम होगी। चित्र में शब्द DIGIT का प्रिन्ट प्रदर्शित किया गया है। डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर, कैरेक्टर प्रिन्टर्स से अधिक गति के होते हैं। इनकी गति 100 से 600 कैरेक्टर प्रति सेकण्ड होती है।
लाइन प्रिन्टर | Line Printer in hindi
ये प्रिन्टर एक समय में एक सम्पूर्ण लाइन प्रिन्ट करते हैं। डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर्स की तुलना में ये अधिक तीव्र होते हैं तथा 150 से 2500 लाइनें प्रति मिनट प्रिन्ट कर सकते हैं। लाइन प्रिन्टर्स दो प्रकार के होते हैं – (i) ड्रम प्रिन्टर्स, तथा (ii) चेन प्रिन्टर्स। ड्रम प्रिन्टर्स में एक बेलनाकार ड्रम होता है जिसकी सतह पर कैरेक्टर उभरे हुए होते हैं। प्रिन्टर का ड्रम उच्च गति पर घुमाया जाता है। प्रिन्टिंग हैमर का एक सैट ड्रम के सामने माउन्ट किया जाता है। ड्रम की सतह पर लगे (embossed) कैरेक्टर से टकराने पर कैरेक्टर print होते हैं।
चैन प्रिन्टर (Chain printer in hindi ) में एक स्टील बैन्ड में कैरेक्टर गुँथे (emboss) रहते हैं। जब बैंड घूमती है तब प्रिन्ट किये जाने वाले कैरेक्टर के सामने का हैमर एक्टीवेट हो जाता है।
पेज प्रिन्टर | Page printer in Hindi
आजकल पेज प्रिन्टर भी उपलब्ध होने लगे हैं। यह पूरे पृष्ठ (full page) को एक समय में ही प्रिंट करता है। इन प्रिन्टर्स में लेजर बीम द्वारा आउटपुट प्राप्त की जाती है। लेजर बीम वांछित आउटपुट को ड्रम पर लिखती है, तब यह लिखे गये क्षेत्र, टोनर (इंक पाउडर) को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस प्रकार इंक की सहायता से ड्रम पर कैरेक्टर बनाये जाते हैं। यह इंक पाउडर, ऊष्मा तथा दाब की सहायता से पेपर पर फ्यूज किया जाता है जिससे प्रिन्टिंग सम्पन्न होती है। Printer ke Prakar में से इस प्रकार के प्रिंटर काफी प्रचलन में हैं।
प्लॉटर | Plotter in hindi
यह एक ऐसी युक्ति है जो फाइल में स्टोर किये गये डाटा को हॉर्ड कापी ड्राईंग (hard copy drawing) में परिवर्तित करता है। यह दो प्रकार के होते हैं- (i) फ्लैट बैड तथा (ii) ड्रम बैड प्लॉटर ।
फ्लैट बैड प्लॉटर में ड्राइंग पेपर एक फ्लैट (Flat) स्थान पर स्थिर रहता है। पेपर, फ्लैट पर इलेक्ट्रोस्टेटिक आवेश के कारण स्थिर होता है तथा इसमें कोई पिन इत्यादि लगाने की आवश्यकता नहीं होती। प्लॉटर में एक भुजा (arm) पैन होल्डर में पैन को पकड़े होती है। पैन, भुजा के साथ-साथ एक मोटर द्वारा गति करता है। ड्राइंग बनाने के लिए आवश्यक गति, समय इत्यादि प्रोग्रामर द्वारा निश्चित किये जाते हैं। ड्राइंग प्लॉटिंग के समय पैन बदलने (pen change) का कमाण्ड आने पर भुजा (arm) स्वयं पैन स्टेन्ड से वांछित पैन उठा कर ड्राइंग प्लॉटिंग का कार्य जारी रखती है।
डुम प्लॉटर में फ्लैट बैड प्लॉटर की तुलना में कम स्थान की आवश्यकता होती है। इसमें फ्लैट बैड के स्थान पर घूमने वाला ड्रम होता है। इस प्लॉटर में पेपर, ड्रम के ऊपर रोल करता है। प्लॉटर में पैन Y-दिशा में गति करता है तथा पेपर की गति X-दिशा में होती है। पैन प्लॉट किये जाने वाले स्थान पर नीचे आ जाता है और जहाँ प्रिंटिंग की आवश्यकता नहीं होती, यह स्वयं ऊपर उठ जाता है।
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