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Logic Families in Hindi
Different types के semiconductor devices के characteristics के base पर digital integrated सर्किट (ICs) का कम्पोजीशन(रचना) हुआ। बहुत से complex digital functions अलग अलग रूप में developed हुए एवं प्रत्येक रूप को एक logic family नाम दिया गया। इस आर्टिकल में हम RTL जो की bipolar Logic Families का एक मेम्बर है के बारे में जानेंगे। Click here to read this article in English
Resistor Transistor Logic | RTL in Hindi
ICs के विकास से पहले RTL व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता था। RTL परिपथ Resistor Transistor द्वारा निर्मित होते हैं तथा integrated किया जाने वाला सर्वप्रथम logic families हैं। वैसे तो RTL-Resistor Transistor Logic अब बहुत ज्यादा प्रयोग में नहीं लाया जाता है परन्तु इसके सिद्धांतों का अध्ययन अन्य gates की कार्य प्रणाली समझने में लाभदायक होता है। इस प्रणाली में invertors, NOR तथा NAND logic function realise किये जा सकते हैं।
RTL consists of
RTL परिपथ Resistor Transistor द्वारा निर्मित होते हैं, RTL gate मूल रूप से एक NOR gate है। फोटो(a) में एक 2-इनपुट NOR gate प्रदर्शित किया गया है। यह एक समान n गेट्स(b) को ड्राइव कर रहा है। परिपथ में इनपुट NOR गेट्स की संख्या बढाकर काफी अधिक संख्या में इनपुट टर्मिनल प्राप्त किये जा सकते हैं। इनपुट टर्मिनल्स की संख्या FAN-IN कहलाती है।
- Photo(a) 2-इनपुट NOR (RTL) परिपथ
- Photo(b) 2-इनपुट NOR (RTL) gate द्वारा n समान गेट्स को ड्राइव करना
RTL Operation
टर्मिनल A और B पर इनपुट वोल्टेज दी जाती है। माना इनपुट A HIGH है तब transistor T1 में चालन होगा तथा आउटपुट LOW होगी(क्युकी आउटपुट P ग्राउंड हो जाएगी) । इसी प्रकार यदि B इनपुट HIGH है तब ट्रांजिस्टर T2 में चालन होगा तथा पुनः आउटपुट ग्राउंड स्तर पर अर्थात LOW होगी।
यदि A अथवा B इनपुट में से कोई भी LOW (इनपुट HIGH होने का अर्थ है कि इसका स्तर इतना हाई होना चाहिए की यह ट्रांजिस्टर को saturate कर सके तथा इनपुट LOW का अर्थ है कि इनपुट वोल्टेज का स्तर इतना LOW होना चाहिए की यह ट्रांजिस्टर को कट ऑफ कर सके) होगी तब ट्रांजिस्टर T1 अथवा T2 में चालन नही होगा तथा आउटपुट HIGH होगी।
यदि दोनों इनपुट LOW होंगी तब ट्रांजिस्टर T1 तथा T2 दोनों कट ऑफ पर होंगे तथा आउटपुट HIGH होगी। किसी एक इनपुट के HIGH होने पर उस से related ट्रांजिस्टर सचुरेशन पर ड्राइव करेगा तथा आउटपुट LOW हो जाएगी। LOW स्तर (अर्थात 0 स्तर) की आउटपुट वोल्टेज का मान ट्रांजिस्टर की VCE(sat)(=0.2V ) के बराबर होगा तथा HIGH(1) स्तर की आउटपुट वोल्टेज का मान आउटपुट से संयोजित गेट्स की संख्या पर निर्भर करेगा।
RTL Parameters
फोटो में प्रदर्शित RTL लॉजिक परिपथ के पैरामीटर्स निम्न प्रकार होते हैं-
- Fan Out-4
- Noise Margin- 0.2 Volts
- Propagation Delay-12ns
- Power Dissipation 30-100 mW
- Power Supply Voltage(Vcc)-3.8 Volts
RTL के गुण एवं दोष | Advantage and Disadvantages of RTL
Resistor Transistor Logic- RTL में प्रतिरोध प्रयुक्त किये जाने के कारण परिपथ की स्विचिंग स्पीड धीमी हो जाती है। यही कारण है कि RTL की operation speed कम होती है। चूँकि इस परिपथ में एक सिग्नल को दुसरे सिग्नल से अलग करने के लिए केवल प्रतिरोध प्रयोग किये जाते हैं अतः इनपुट के मध्य क्रॉस टॉक की सम्भावना होती है । अर्थात जब इनपुट A पर कोई सिग्नल दिया जाता है तब इनपुट B की वोल्टेज भी परिवर्तित हो सकती है। इस कारण से RTL परिपथों की Noise immunity अच्छी नही होती है । RTL Logic Families का मुख्य गुण इसमें निम्न व्यय शक्ति है।
आशा है आपको Logic Families-Resistor Transistor Logic | RTL ये आर्टिकल पसंद आया होगा , किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए आप कमेंट बॉक्स में आमंत्रित हैं ।
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